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18 महीने में दो धमाकों ने उजाड़ दिया रामकुमार का पूरा परिवार

Muhammad Alam
Muhammad Alam
Updated Oct 10, 2025
18 महीने में दो धमाकों ने उजाड़ दिया रामकुमार का पूरा परिवार

2024 में हुए विस्फोट में मां, पत्नी और पड़ोसी की गई थी जान


अयोध्या। अयोध्या जिले के पूराकलंदर थाना क्षेत्र के पगलाभारी गांव में गुरुवार शाम हुआ भीषण विस्फोट एक बार फिर दर्दनाक यादें ताजा कर गया। इस धमाके ने एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों को खत्म कर दिया। महज़ 18 महीनों के भीतर रामकुमार कसौधन का पूरा परिवार काल के गाल में समा गया।
गुरुवार की शाम करीब साढ़े सात बजे जबरदस्त धमाका हुआ, जिसमें रामकुमार, उसकी पत्नी वंदना, तीन बच्चे लव, यश और ईशी तथा एक कारीगर रामसजीवन की मौत हो गई। हादसे के बाद पूरा मकान मलबे के ढेर में बदल गया। गुरुवार देर रात तक पांच शवों को बाहर निकाला गया, जबकि शुक्रवार सुबह मलबा हटाते समय लापता पत्नी वंदना का शव भी बरामद कर लिया गया।
विस्फोट इतना तेज था कि 200 मीटर के दायरे में मकान के टुकड़े और शव बिखर गए। घर का लोहे का गेट तक कई मीटर दूर जाकर गिरा। रात करीब 11 बजे मलबा हटाते समय हुए एक और धमाके में लेखपाल आकाश सिंह घायल हो गए, जबकि मौके पर मौजूद रेस्क्यू दल को भी झटका महसूस हुआ।
गांव वालों के मुताबिक, रामकुमार ने यह नया घर लगभग डेढ़ साल पहले बनवाया था। इससे पहले 13 अप्रैल 2024 को उसके पुराने घर में भी एक भयावह धमाका हुआ था, जिसमें उसकी मां शिवपता, पहली पत्नी बिंदू और पड़ोस की एक युवती प्रियंका की मौत हो गई थी। उस हादसे के बाद विरोध और भय के माहौल में उसने गांव से दूर खेत में नया मकान बनाया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
पहली पत्नी की मौत के बाद रामकुमार ने अपनी साली वंदना से दूसरी शादी की थी, जो अब खुद इस हादसे का शिकार बन गई। पिछले हादसे में भी सिलेंडर फटने की बात कही गई थी, मगर मृतका प्रियंका के पिता रामकुमार कोरी ने तब बारूद से विस्फोट होने का आरोप लगाया था।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुडे ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला गैस सिलेंडर या प्रेशर कुकर विस्फोट का प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक मौके से बारूद या किसी अन्य विस्फोटक सामग्री के सबूत नहीं मिले हैं।