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अफसरों की सादगी और सहजता ने जीता श्रद्धालुओं का दिल

Muhammad Alam
Muhammad Alam
Updated Oct 4, 2025
अफसरों की सादगी और सहजता ने जीता श्रद्धालुओं का दिल

अयोध्या। रूदौली क्षेत्र के रीछघाट में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन इस बार बेहद खास और यादगार रहा। भक्ति और उत्साह से सराबोर माहौल में प्रशासनिक अफसरों की सादगी और सहजता लोगों के बीच चर्चा का बड़ा विषय बन गई।
विसर्जन यात्रा में एसडीएम विकास धर दूबे और सीओ आशीष निगम आम श्रद्धालुओं की तरह पैदल शामिल हुए। उनके इस कदम ने न सिर्फ श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना कर दिया बल्कि अफसरों और जनता के बीच की दूरी भी मिटती दिखाई दी। दोनों अफसर कंधे से कंधा मिलाकर श्रद्धालुओं संग जयकारे लगाते रहे।
यात्रा के दौरान श्रद्धालु लगातार एसडीएम के साथ सेल्फी लेने के लिए उमड़ पड़े। देखते ही देखते उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। हजारों यूजर्स ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अफसरों की सादगी की जमकर सराहना की।
खास बात यह रही कि जब कहीं मार्ग में भीड़ या अवरोध आया, तो एसडीएम ने बिना किसी औपचारिकता के खुद आगे बढ़कर बाइक हटाई और रास्ता साफ कराया। यह नजारा देख श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। वर्दी में रहते हुए इस तरह का सहज और जमीन से जुड़ा रूप देखकर लोग लगातार जय माता दी के उद्घोष करने लगे।
स्थानीय श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा, पहली बार देखा है कि अफसर हमारे बीच ऐसे घुलमिलकर चल रहे हैं। यह नजारा हमें हमेशा याद रहेगा।
सोशल मीडिया पर भी एसडीएम विकास धर दूबे की प्रशंसा की बाढ़ आ गई। एक यूजर ने लिखा पहली बार ऐसे एसडीएम साहब देखे हैं, जो सच में जमीन पर उतरकर जनता के साथ काम करते हैं। ऐसा अधिकारी मिलना बहुत मुश्किल है।
श्रद्धालु मान रहे हैं कि अफसरों ने इस बार की विसर्जन यात्रा का अनुभव अनोखा और अविस्मरणीय बना दिया। उनकी सादगी, सहजता और जनता के बीच घुलने-मिलने की शैली ने प्रशासन और जनता के रिश्तों को और मजबूत कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह तस्वीर आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगी। रीछघाट का यह नजारा न सिर्फ रूदौली बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बन चुका है।
गौरतलब है कि एसडीएम विकास धर दूबे जब से रूदौली तहसील आए हैं, तब से लगातार अपने कार्यों और जमीन से जुड़े व्यवहार की वजह से चर्चा में बने रहते हैं। गलत के लिए गलत और सही काम करने वालों के लिए हमेशा सही खड़े होने की उनकी नीति ने ही उन्हें जनता के दिलों में खास जगह दिला दी है। रीछघाट का यह नजारा उनकी उसी शैली का जीवंत उदाहरण बन गया।