
अयोध्या। पटना।
अवतार क्रान्ति,पटना जिले में भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह की 30 वाँ पुण्य तिथि दिवस आई0एम0ए0 हॉल पटना में 25 दिसम्बर 2024 को अखिल भारतीय बढ़ई महासभा के तत्वाधान में मनाया गया।वही इसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय बढ़ई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन शर्मा और संचालन प्रदेश महासचिव विक्रम कुमार शर्मा के द्वारा की गई।वही इस पुण्य तिथि के अवसर पर विभिन्न संगठनों के नेताओं ने ज्ञानी जैल सिंह के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजली दी गई।इसी कड़ी में श्रद्धांजली देने वाले में अखिल भारतीय बढ़ई महासभा के वरिष्ठ राष्टीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश प्रभारी कप्तान राजेन्द्र शर्मा ,अखिल भारतीय बढ़ई महासभा प्रदेश महासचिव मुन्ना शर्मा, प्रोफेसर बबलू शर्मा,श्रमण कुमार शर्मा,कमलेश शर्मा,श्रीकांत शर्मा,आप के प्रदेश प्रवक्ता हेमनारायण शर्मा,प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभाष चंद्र शर्मा,अखिलेश शर्मा,अनिल शर्मा,विनय मिस्त्री,विभीषण शर्मा, रामभरोस शर्मा,मीडिया प्रभारी रामप्रवेश शर्मा,बांका जिला अध्यक्ष सियाराम शर्मा,मधुपुर से गोपाल कृष्ण विश्वकर्मा,मुंगेर जिला महासचिव अनिल कुमार शर्मा,मुंगेर जिला अध्यक्ष रामनरेश शर्मा उर्फ बबलू,नारायण शर्मा,धर्वेन्द्र शर्मा,संजय शर्मा,महानंद शर्मा,अजय शर्मा,अर्जुन शर्मा,सहरसा से अनिल शर्मा,श्रीमती सुलेखा शर्मा,श्रीमती भावना शर्मा,श्रीमती संगीता शर्मा,इत्यादि लोगों ने श्रद्धांजली सभा में श्रद्धा सुमन अर्पित की । महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन मदन शर्मा से अपने संबोधन में कहा स्व0 ज्ञानी जैल सिंह का जन्म 5 मई 1916 में हुई और स्मृतिशेष निधन 25 दिसम्बर 1994 को हुई।इस बीच स्व0 ज्ञानी जैल सिंह का बचपन से लेकर अंतिम सांस तक संघर्षरत जीवन रहा।
वे अपने संघर्षों के माध्यम से नीचे से लेकर ऊपर अर्थात अर्श से लेकर फर्श तक पहुंचने तक में कई चुनौतियों का सामना किए।उसी दरबियान पंजाब में 2 बार मुख्यमंत्री पद पर भी सुशोभित रहे।1956 से 1967 तक राज्यसभा के सदस्य,1980 में देश के गृह मंत्री और 1982 से 1987 तक भारत देश के राष्ट्रपति पद पर जिम्मेदारी निभाते हुए सुशोभित रहे।आपको बताते चले कि स्व0 ज्ञानी जैल सिंह को अर्श से फर्श तक पहुंचने में संघर्षरत रहकर अपने मुकाम को हासिल किए।ऐसे महान सपूतों के जीवन में उनके संघर्ष को देखते हुए सभी देश वासियों को संघर्षरत जीवन सफर और बड़े ओहदे रूपी स्व0 ज्ञानी जैल सिंह के संघर्ष भरी जिन्दगी को सुनकर भावभीनी श्रद्धांजली देते हुए उनके आत्मा के शांति हेतु जोरदार तालियों से स्वागत किए।
दूसरी तरफ रामभरोस शर्मा और कप्तान राजेन्द्र शर्मा ने स्व0 ज्ञानी जैल सिंह के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए अपने संबोधन में कहा स्व0 ज्ञानी जैल सिंह की संघर्ष भरी जिन्दगी हम बढ़ई जातियों को ये चरितार्थ करता है कि राजनीतिक हिस्सेदारी पाने हेतु लगातार राजनीतिक की ओर ध्यान एकाग्रचित करने की जरूरत है।तभी जाकर हम बढ़ई समाज किसी भी राष्टीय एवं क्षेत्रीय पार्टी से राजनीतिज्ञ हिस्सेदारी ले सकते है।
वही ऐडवोकेट विनय मिस्त्री,विनोद शर्मा और विभीषण शर्मा ने स्व0 ज्ञानी जैल सिंह की तैलचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने संबोधन में कहा बढ़ई जातियों की बनाई हुई सभी संगठनों को आपस में एक होकर राजनीतिक लड़ाई लड़नी होगी।तभी हम अपने बढ़ई समाज के लोगो को लोकसभा और विधान सभा में भेज पाएंगे।
वही संगीता शर्मा और भावना शर्मा ने स्व0 ज्ञानी जैल सिंह के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए अपने संबोधन में कही ज्ञानी जैल सिंह की संघर्ष भरी जिन्दगी हम बढ़ई जातियों को ये सिखाती है कि पिछड़ा का बेटा कैसे राजनीतिक मुकाम तक पहुंचता है।वही संगीता शर्मा एक बार पुनः अपने संबोधन में कही किसी भी क्षेत्रिय एवं राष्टीय पार्टी में किस- किस कार्य को दिखाने से राजनीतिक हिस्सेदारी मिल सकती है इस पर भी वो विस्तार से अपने संबोधन में रखी।मौके पर सैकड़ो बढ़ई समाज उपस्थित होकर स्व0 ज्ञानी जैल सिंह के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित किए।