
लखनऊ। सद्भावना ट्रस्ट द्वारा आयोजित 16 दिवसीय अभियान *तोड़ी बंदिशें: स्मार्ट साइबर सुरक्षा* का समापन मानवाधिकार दिवस के अंतर्गत किया गया। यह अभियान डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो रही हिंसा को संबोधित करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक अभियान का हिस्सा था। 25 नवम्बर से शुरू हुए इस कार्यक्रम ने डिजिटल युग में महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षित, उनकी पहचान को स्थापित करने और सशक्त बनाने के लिए जागरूकता, शिक्षा और समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया।
इस अभियान का मुख्य हिस्सा रहा *डिजिटल चश्मा* जिसने डिजिटल दुनिया के विभिन्न मुद्दों को अपने चश्मे में समेटा और इस दुनिया में महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल हिंसा के खतरों जैसे डीपफेक, साइबर ट्रोलिंग, डेटा उल्लंघन व नकली न्यूज़ की पहचान करने के प्रति जागरूक किया। इस दौरान सद्भावना ट्रस्ट से जुड़ी 1000 से अधिक महिलाओं और किशोरियों ने विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से इस अभियान में भाग लिया।
इस अभियान का समापन समारोह कार्यक्रम 9 दिसंबर को संगीत नाटक अकेडमी में आयोजित हुआ। कार्यक्रम कई दिलचस्प गतिविधियों के साथ शुरू हुआ। दिन की शुरुआत बुलंद इरादे कार्यक्रम से जुड़ी लड़कियों के द्वारा डांस से किया गया। उसके उपरांत डिजिटल वायलेंस पर आधारित एक मनोरंजक नाटक ने सभी ऑडिएंस को डिजिटल दुनिया का सच दर्शाया। साथ ही एक्सपर्ट पैनल चर्चा के ज़रिये ज़रूरी सूचनाओं पर बात हुई और कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नदीम सिद्दीकी (ब्रेकथ्रू) , फ़िज़ा (शोधकर्ता), गुंजन जैन (थियटर आर्टिस्ट), खुशबू (टेक सखी, पॉइंट ऑफ व्यू) , शुभम तिवारी (थियटर आर्टिस्ट, द मॉकिंग बर्ड) हमीदा खातून (निदेशक, सद्भावना ट्रस्ट) आमरा कमर (प्रोग्राम मैनेजर), खुशनुमा (कम्युनिटी लीडर), वंशिका (इंडिया फेलो), मरियम (फील्ड कौर्डिनेटर), खुशी (कंमुनिटी लीडर) और सद्भावना से जुड़ी टीम, समुदाय की महिलाओं और लड़कियों ने अपने अनुभव साझा किए। कई प्रतिभागियों ने बताया कि इस अभियान के दौरान उन्हें न केवल डिजिटल खतरों के बारे में समझ मिली, बल्कि वे अब साइबर सुरक्षा उपाय अपनाने में भी सक्षम हैं।
मुख्य अतिथि ने साइबर क्राइम पर अपना अनुभव रखते हुए कहा:
“यह पहल एक मील का पत्थर है, जिसने न केवल महिलाओं को सशक्त किया है, बल्कि उन्हें डिजिटल युग में सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक उपकरण और जानकारी भी दी है।”
‘सद्भावना ट्रस्ट’ एक समुदाय-आधारित विकास संगठन है, जो लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर हस्तक्षेप, सामाजिक न्याय और महिलाओं एवं लड़कियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है। यह 2009 से लखनऊ शहर की हाशिये ग्रस्त समुदाय और ज़रूरतमंद बस्तियों के साथ काम रही हैं। संस्था मुख्यतः लड़कियों और महिलाओं के साथ सामाजिक मुद्दो पर नज़रिया निर्माण करके उन्हें नेतृत्व में लाने का काम करती हैं। साथ ही युवा महिलाओं को तकनीकि कौशल का हुनर देते हुये उनको सशक्तीकरण एवं आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल और सराहनीय रहा हैं।