अयोध्या। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचारों और प्रशासनिक दमन के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। सोमवार को पार्टी के जिला अध्यक्ष मोहम्मद साबिर रईन ने जिलाधिकारी अयोध्या के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को यह ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि बीते आठ वर्षों से प्रदेश में मुसलमान समाज पर लगातार अन्याय, झूठे मुकदमे, बुलडोज़र कार्रवाई और पुलिस-प्रशासन द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। पार्टी ने कहा कि सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों पर कार्रवाई के बजाय शासन-प्रशासन उन्हें संरक्षण दे रहा है।
साबिर रईन ने कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश में धार्मिक सौहार्द को कमजोर किया जा रहा है। कभी ‘लव जिहाद’, कभी ‘घर वापसी’, तो कभी ‘गौ-हत्या’ के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बुजुर्गों तक पर अत्याचार की घटनाएं चिंताजनक हैं।
ज्ञापन में 26 सितंबर को बरेली में हुई घटना का उल्लेख करते हुए कहा गया कि हिंसा रोकने के नाम पर प्रशासन ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया, उनके घरों पर बुलडोज़र चलाए और पुलिस थानों में यातनाएं दीं।
एआईएमआईएम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक हालिया बयान को असंवैधानिक और निंदनीय” बताते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री पद की मर्यादा के खिलाफ है। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की गई है कि उत्तर प्रदेश सरकार को संविधान के दायरे में रहकर शासन चलाने के निर्देश दिए जाएं, और यदि स्थिति में सुधार न हो तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।