रात का शिकारी बना प्रशासन, खनन माफ़िया ढूंढते रहे भागने का रास्ता
अयोध्या। आधी रात का सन्नाटा, गहरी नींद में सोए लोग और अचानक गाड़ियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा पूरा गांव। शनिवार की रात करीब 12 बजे रूदौली के एसडीएम विकास धर दूबे और पटरंगा थानाध्यक्ष शशिकांत यादव भारी पुलिस बल के साथ ग्राम खंड पिपरा (पासिंन का पुरवा) में दाख़िल हुए।यह कोई सामान्य दौर नहीं था, बल्कि अवैध खनन पर सबसे बड़ी कार्रवाई का आगाज़ था। दरअसल, प्रशासन को गुप्त सूचना मिली थी कि सरकारी और ग्राम समाज की ज़मीन से लंबे समय से खनन माफिया बेलगाम होकर मिट्टी की काली कमाई कर रहे हैं। शिकायतें थीं कि खेतों की मेड़ें टूट रही थीं, सड़कें गड्ढों में तब्दील हो रही थीं और तालाब भी प्रभावित हो रहे थे।जैसे ही पुलिस-प्रशासन की गाड़ियां गांव में पहुंचीं तो खनन माफियाओं में भगदड़ मच गई। कई अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले, लेकिन उनकी महंगी मशीनें और ट्रैक्टर-ट्रॉलियाँ मौके पर ही फंस गईं। टीम ने एक स्क्रैपर मशीन और पांच ट्रैक्टर-ट्रॉलियाँ कब्जे में लेकर थाने भेज दीं। हाल ही में रूदौली तहसील की कमान संभालने वाले एसडीएम विकास धर दूबे ने पदभार ग्रहण करते ही चेतावनी दी थी कि अवैध खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शनिवार रात की यह कार्रवाई उसी अल्टीमेटम का नतीजा मानी जा रही है। एसडीएम ने सख़्त लहजे में कहा यह कार्रवाई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है। अगर जांच में खनन सरकारी या ग्राम समाज की ज़मीन पर मिला तो संबंधित माफियाओं पर एफआईआर दर्ज कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही खनिज नियमावली के तहत आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा। प्रशासनिक सख्ती से गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से खुलेआम हो रहा खनन अब पहली बार इस तरह से रोका गया है। उन्होंने एसडीएम और पुलिस प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि अगर ऐसी छापेमारी लगातार होती रही तो खनन माफियाओं का हौसला टूट जाएगा प्रशासन ने जब्त वाहनों को सीज कर रिपोर्ट तैयार कर ली है और अब खनन स्थल का बाकायदा सर्वे कराया जाएगा। ज़मीन का स्वामित्व स्पष्ट होते ही दोषियों पर मुकदमा दर्ज होगा। आधी रात की यह कार्रवाई रूदौली तहसील में तैनात नए एसडीएम का साफ संदेश है अवैध खनन का खेल अब ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा।