अयोध्या। महज दो साल पहले करोड़ों रुपये की लागत से बने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की गुणवत्ता पर सोमवार को हुई तेज बारिश ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। एयरपोर्ट के बाहर बने स्टैंडिंग एरिया की छत से पानी टपकने लगा, जिससे वहां मौजूद यात्री परेशान हो गए। यात्रियों ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया और स्थानीय लोगों के बीच गुस्से और चिंता का कारण बन गया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छत से लगातार पानी टपक रहा है, जबकि एयरपोर्ट बनने के समय इसे आधुनिक मानकों के अनुसार बनाया गया था। इस पर लोगों ने सवाल उठाए दो साल पहले बनाए गए एयरपोर्ट की छत कैसे इतनी जल्दी खराब हो गई? करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी निर्माण गुणवत्ता क्यों फेल रही है?"
स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूज़र्स ने निर्माण एजेंसियों और जिम्मेदार अधिकारियों पर सवालों की झड़ी लगा दी है। कुछ यूज़र्स ने एयरपोर्ट की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा पर भी चिंता जताई।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक विनोद कुमार ने बताया कि बारिश रुकते ही रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "इस मामले के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले से ही जारी है।" लेकिन यह बयान सरकारी और निर्माण एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर और भी सवाल खड़े कर रहा है।
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस मामले की तुरंत जांच कराई जाए, दोषियों की जवाबदेही तय की जाए और स्थायी समाधान निकाला जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के प्रोजेक्ट में गुणवत्तापूर्ण निर्माण और समय पर रख-रखाव बेहद जरूरी है। दो साल में ही छत से पानी टपकना न केवल निर्माण दोष को दर्शाता है, बल्कि एयरपोर्ट की छवि और यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करता है।
अब सवाल यह है कि महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की करोड़ों की लागत का क्या हुआ? क्या जल्द ही इसका स्थायी समाधान निकलेगा, या यह घटना एक चेतावनी है कि गुणवत्ता पर कभी समझौता नहीं होना चाहिए।