बाबू राम चंद्र सिंह एजुकेशनल ग्रुप में स्वतंत्रता दिवस पर उमड़ा देशभक्ति का सैलाब
अयोध्या। स्वतंत्रता दिवस की सुबह थी। हल्की धूप और आसमान में तिरंगे के रंग बिखरे हुए थे। बाबू राम चंद्र सिंह एजुकेशनल ग्रुप का विशाल परिसर बच्चों की चहचहाहट और देशभक्ति के नारों से गूंज रहा था। हर चेहरे पर उत्साह, हर आंख में चमक और हर जुबान पर एक ही गीत था— वतन की मिट्टी सोना उगले, सोना उगले हीरे मोती।
मंच पर जब मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित हुआ तो माहौल और भी पवित्र हो गया। दीप प्रज्वलन का कार्य ग्रुप डायरेक्टर और ब्लॉक प्रमुख रूदौली श्रीमती शिल्पी सिंह ने किया। उनके साथ संस्थापक व वरिष्ठ भाजपा नेता सर्वजीत सिंह, ग्रुप एमडी संजय सिंह, डॉ. एस.पी. गुप्ता, प्राचार्यगण व स्टाफ मौजूद रहे। पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
डायरेक्टर शिल्पी सिंह ने कहा यह दिन हमें न सिर्फ़ आज़ादी की याद दिलाता है, बल्कि शिक्षा के ज़रिए राष्ट्र निर्माण का संकल्प लेने की प्रेरणा भी देता है।
इसके बाद शुरू हुआ वह दौर जिसका सभी को इंतजार था छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियां।
नर्सिंग और फार्मेसी के छात्रों ने कभी गीतों से देशभक्ति की लौ जगाई, तो कभी नृत्य और नाट्य प्रस्तुति के जरिए संस्कृति की झलक दिखा दी। छोटे-छोटे बच्चों ने जब “झंडा ऊंचा रहे हमारा” पर नृत्य किया तो दर्शकों की आंखें नम हो उठीं।
कार्यक्रम का सबसे खास क्षण था जब महिला महाविद्यालय के एचओडी डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह मंच पर आए। उन्होंने कहा—"देश की सेवा सिर्फ सीमा पर बंदूक उठाकर नहीं होती, बल्कि अनुशासन, कड़ी मेहनत और समाज को बेहतर बनाने की कोशिश भी उतनी ही बड़ी सेवा है।"
उनकी बातों पर बच्चों ने तालियों से स्वागत किया और कई छात्रों ने बाद में कहा कि यह भाषण उन्हें जीवन भर याद रहेगा।
जब राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में सभी खड़े हुए और राष्ट्रगान गूंजा तो पूरा परिसर मानो देशभक्ति की एक डोर में बंध गया। लहराता तिरंगा और उसके नीचे झूमते बच्चे—यह दृश्य हर किसी की आंखों में उतर गया।
यह स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं था, बल्कि शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रप्रेम का अद्भुत संगम बन गया।